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Ganesh Godiyal के नेतृत्व में उत्तराखंड कांग्रेस की उड़ान

उत्तराखंड में कांग्रेस की ताकत एक बार फिर से गणेश गोदियाल के साथ महसूस हो रही है। हालांकि ताकत का एहसास गणेश गोदियाल के नेतृत्व में इससे पूर्व के विधानसभा चुनाव के दौरान भी महसूस की गयी थी, और लोकसभा चुनाव के समय पर इसी प्रकार से कांग्रेस का एक जोरदार पक्ष समर्थक नजर आ रहा था। किंतु यह वोटो में तब्दील नहीं हो सका, इसके पीछे क्या कारण है वह एक लंबी चर्चा है। कम से कम लोकसभा चुनाव में गढ़वाल सीट से जरूर मुकाबला अनुमान किया जा रहा था। प्रदेश में कई मुद्दों ने और उन मुद्दों पर संबंधित वर्ग के आंदोलन ने राजनीति तेज की है, सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। और इन आंदोलन को विपक्ष ने जन समर्थन हासिल करने की एक दवा के तौर पर उपयोग भी किया है। जो कांग्रेस के हाथों से छटकता रहा। जैसे उपनल कर्मियों को लेकर नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का यह बयान कि हम सरकार में आते ही आपका नियमितीकरण तुरंत प्रभाव से करेंगे। उधर गैरसैंण राजधानी को लेकर भी कांग्रेस का रुख बिल्कुल साफ नजर आया है, की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी हमने बनाई और पूर्ण राजधानी भी हम ही बनाएंगे। इस तरह से कांग्रेस क्षेत्रीय दलों की उसे...
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Bihar election results | NDA की जीत महागठबंधन की करारी हार

बिहार के विधानसभा चुनाव का परिणाम अब सामने है। एनडीए सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत लेकर आया है। यह बहुमत के आंकड़े को पार कर चुका है। बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की आवश्यकता होती है लेकिन एनडीए का गठबंधन इस समय पर 200 का आंकड़ा छू रहा है। और अब लगभग तय हो चुका है, कि गठबंधन 200 या अधिक सीटें लेकर सरकार गठित कर रहा है। यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है जो एनडीए को प्राप्त हुई है 2010 के बाद। 2010 में भी इसी प्रकार का जनमत देखने को मिला था। बात अगर जदयू की करें तो इस समय पर जेडीयू अपने पिछले प्रदर्शन से दुगना लगभग 85 सीटों पर जीत हासिल कर रही है। बीजेपी 90 या उससे आगे पहुंच चुकी है। वही बात लोजपा की करें जो 29 सीटों पर चुनाव लड़ती है, और इस समय पर 19 सीट जीत हासिल करने के कगार पर है। नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान पर विश्वास जताया उनकी मांग के अनुसार उन्हें 29 सीटें दे दी सभी इस बात पर चर्चा कर रहे थे, कि यह कुछ अधिक सीटें चिराग पासवान को सौंप दी गई हैं। लेकिन उसके बावजूद भी चिराग पासवान ने अपने विश्वास को बनाए रखा, और अच्छी संख्या में सीट हासिल की। यदि विपक्षी गठबंधन की बात करें त...

Bihar election result : बिहार में इस गठबंधन को मिल रही बंपर जीत | 16 एग्जिट पोलों ने साफ किया

बिहार दूसरे चरण की वोटिंग पूरी हो जाने के बाद एग्जिट पोल अब नतीजे दिखा रहा है। जहां एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर आ रहा है। एग्जिट पोल में एनडीए को 154 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं 83 सीटें महागठबंधन को प्राप्त हो रही है, और अन्य को 6 सीटें प्राप्त हुई हैं। बिहार में नई-नई राजनीतिक पार्टी जन सुराज उतनी असरदार नहीं रही। जिन्हें 3 से 5 सीट हासिल हो रही हैं। यह लगभग 16 एग्जिट पोल के नतीजे का समेकित निर्णय है। सभी में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर आ रहा है। बिहार में कुल 243 सीटों पर चुनाव हुआ है। दो चरणों में चुनाव हुए और 14 नवंबर को बिहार चुनाव का परिणाम सामने होगा। पिछले चुनाव में एनडीए को 125 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वही महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत प्राप्त हुई थी। अन्य को 8 सीटें प्राप्त हुई इस आधार पर यदि एग्जिट पोल के नतीजे को देखा जाए तो एनडीए को पिछले परिणाम की अपेक्षा 29 सीटों का लाभ की आकांक्षा इस समय पर है। और महागठबंधन को 28 सीटों के नुकसान का अनुमान है। हालांकि इस समय पर बिहार में हुई बंपर मतदान ने लोगों के रुझान को दर्शाया है, यह भी बात हुई कि यह महागठबंधन के पक्ष में और...

कौन बनेगा मुख्यमंत्री बिहार | राहुल मछली पकड़ते दिखे

बिहार में 14 नवंबर को चुनाव के परिणाम सामने होंगे। और नए मुख्यमंत्री भी तय हो जाएंगे। साफ तौर से विपक्षी महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार किया गया है। महागठबंधन में बिहार के चुनाव में तेजस्वी यादव ही नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि एक बड़ी पार्टी कांग्रेस उनके साथ है, लेकिन कांग्रेस का प्रभाव बिहार के राजनीति में कुछ कमजोर होता रहा है। उतनी ही मजबूत आरजेडी होती रही इससे पूर्व के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन न होने के चलते आरजेडी सरकार बनाने में असफल हो गई। हालांकि राजद ने अपने स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया अच्छी सीटें भी लेकर आई। लेकिन कांग्रेस से जितनी सीटों के आशा थी, क्योंकि वह प्राप्त न हो सकी इसलिए तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना यूं ही रह गया। लेकिन इस बार रणनीति को कुछ अधिक मजबूत बनाने की कोशिश की गई है, लगभग सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर एक महागठबंधन तैयार किया गया है। किसी भी राजनीतिक दल को ना छोड़ा जाए जिससे आरजेडी को किसी भी सीट पर नुकसान हो सके। अंतिम रूप से इस रणनीति का परिणाम 14 नवंबर को साफ हो जाएगा। जिन अतिरिक्त दलों क...

रोहित का शानदार शतक एवं कोहली की वापसी | IND vs Australia

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज में आज हुए तीसरे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 9 विकेट से मात दी। ऑस्ट्रेलिया दो मैचो में विजेता रही। इस तरह से सीरीज तो ऑस्ट्रेलिया के नाम हो गया लेकिन यह तीसरा मैच भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों के लिए एक यादगार मैच बन गया, और केवल इसलिए नहीं की विराट कोहली ने अपने पिछले दो मैचो में लगातार शून्य पर आउट होने के बाद आज शानदार अर्थशतक लगाया। बल्कि इसलिए भी की आखिरी बॉल तक मैदान में टिके रहे रोहित शर्मा जिन्होंने शतकीय पारी से भारत को विजय दिलाई। और इसी तरह रोहित शर्मा और विराट कोहली के साझेदारी कुछ रिकॉर्ड्स भी लेकर आई जहां रोहित शर्मा ने अपना 33 वां शतक पूरा किया वहीं रनों की रेस में विराट कोहली ने संगकारा को पीछे छोड़ दिया। अब वे द ग्रेट सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे स्थान पर है। शून्य पर आउट होने के कारण विराट कोहली के आत्मविश्वास को लेकर सवाल था। ऑस्ट्रेलिया की अच्छी गेंदबाजी ने पिछले दो माचो में उन्हें शून्य पर आउट किया। लेकिन आज और उन दोनों मैचों में भी प्रशंसकों ने उन्हें इसी गर्मजोशी से मैदान पर स्वागत किया। अपनी पहली गेंद खेल रहे विरा...

तालिबान प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा: क्या हैं मायने?

तालिबान प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा: क्या हैं मायने? हाल ही में, तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली का दौरा किया, जिसने कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। यह मुलाक़ात अफ़गानिस्तान में बदलते राजनीतिक परिदृश्य और भारत की क्षेत्रीय रणनीति के लिहाज़ से काफ़ी महत्वपूर्ण है। दौरे का मुख्य उद्देश्य इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाना और मानवीय सहायता पर चर्चा करना था। तालिबान चाहता है कि भारत अफ़गान लोगों को दी जाने वाली सहायता जारी रखे, खासकर गेहूँ और दवाओं की आपूर्ति। भारत, जो ऐतिहासिक रूप से अफ़गानिस्तान का एक बड़ा भागीदार रहा है, ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखी है। भारत की प्राथमिकताएँ भारत के लिए, इस बातचीत की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ निम्नलिखित हैं: सुरक्षा चिंताएँ:  भारत अपनी सुरक्षा को लेकर स्पष्ट है कि अफ़गान धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। मानवीय सहायता: भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी सहायता सही ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचे। क्षेत्रीय ...

सेनारी नरसंहार | 18 मार्च 1999 बिहार के जातीय संघर्ष का काल पृष्ठ

सेनारी नरसंहार बिहार; 1 8 मार्च 1999 का दिन था। बिहार का एक छोटा सा गांव सेनारी जहां इस दिन ऐसी घटना हुई जिसने सारे देश को चकित कर दिया यूं कहें कि झकझोर कर रख दिया। बिहार में जातीय नरसंहार जातीय हिंसा का एक ऐसा सत्य इस गांव में देखा गया जिसे बिहार के इतिहास के एक और पृष्ठ को काला कर दिया यह घटना है सेनारी का नरसंहार।  सेनारी गांव में मार्च माह की 18 तारीख को सामान्य दिनों की तरह लोग अपने कामकाज पर थे। धीरे-धीरे शाम ढलने लगी और जब रात के लगभग 7:30 बज रहे थे, गांव से कुछ दूर पगडंडी पर एक धूल का गुब्बार उठने लगा। गांव के लोगों को लगा कि यहां शायद पुलिस कोई अभियान पर है दरअसल 500 के करीब लोगों की भीड़ पगडंडी पर चल रही थी इनमें बहुत से लोगों ने पुलिस के कपड़े पहने थे और बहुत से लोग लूंगी और बनियान में थे लेकिन सभी हथियारबंद थे अभी तक गांव के लोगों को यह नहीं मालूम था कि आने वाले दो-चार घंटे में सेनारी गांव बिहार के इतिहास का एक भयानक हिस्सा बनने वाला है। उस भीड़ में कुछ लोग गांव के समीप की एक चौकी की तरफ बढ़ गए बाकी बचे हुए लोग गांव की तरफ आ गए गांव में एक धमाका हुआ गांव के लोगों ने अ...